शिविर में 28 दिव्यांगों को निःशुल्क कृत्रिम अंगदान
आज दिनांक 28.08.2022 को पटना के पहाड़ी स्थित भारत विकास एवं संजय आनंद विकलांग अस्पताल में निःशुल्क कृत्रिम अंगदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 4 को कृत्रिम स्वचालित हाथ, 3 को आधुनिक मोड्यूलर पैर तथा तथा 21 दिव्यांग जन को जयपुर फुट दान में दिया गया. आज के इस कार्यक्रम का आयोजन और दान स्मृतिशेष स्व. कैलाश चंद जैन पांड्या जी के प्रथम पुण्यतिथि पर श्रीमती कुसुम जैन तथा उनके समस्त परिवार के सहयोग से किया गया था. इस अवसर पर पी. एम. सी. एच. के पूर्व प्राचार्य, फिजिकल मेडिसिन एवं रिहैब्लिटैसन विशेषज्ञ डॉ. अजित वर्मा जी द्वारा 75 से दिव्यांगों को चिकित्सा सलाह तथा उपलब्ध दवाओं आदि हर प्रकार की निःशुल्क सेवा प्रदान की गई. इनमे से अनेक ऐसे थे जिन्होंने दुर्घटना में अपने हाथ या पैर गवां दिए थे और वर्षों बाद आज फिर से अपने पैरों पर खड़े हुए और चले थे. प्रातः 8 बजे से ही दूरदराज से आने वाले दिव्यांग तथा उनके परिजनों की भीड़ अस्पताल परिसर में लगने लगी थी. आज के शिविर में अपेक्षा से अधिक लाभार्थी पहुचे थे, उनके रहने तथा भोजन की समुचित व्यवस्था अस्पताल प्रशासन द्वारा की गई थी. अस्पताल कर्मियों की सेवा भावना तथा कृत्रिम अंग निःशुल्क पाकर दिव्यांग और उनके परिजन अभिभूत थे.
भारत विकास विकलांग न्यास के महासचिव पद्मश्री बिमल जैन ने उपस्थित जन समुदाय को शाकाहार हेतु प्रेरित किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह दिव्यांगों सेवा का अप्रतिम मंदिर है जो देश भर से आये दिव्यंगों की सभी प्रकार की चिकित्सा सेवा, सम्पूर्ण रूप से निःशुल्क और बिना किसी भेदभाव के कर रही है. उन्होंने ख़ुशी जताई कि संस्था द्वारा की जा रही निःशुल्क सेवा की गूंज अब देश भर में पहुँच रही है और देश सुदूर प्रान्तों से मरीज यहाँ लगातार आ रहे हैं. उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि राह चलते किसी को कहीं भी कोई हाथ या पैर से रहित इन्सान दिखें तो आप इतनी सी कृपा कर दें कि उन्हें पटना के बड़ी पहाड़ी स्थित और विकलांग हॉस्पिटल के नाम से मशहूर इस केंद्र यहाँ का पता दे दें या संभव हो तो पहुंचा देने का कष्ट करें.
कार्यक्रम को डॉ. अजीत वर्मा, श्रीमती कुसुम जैन तथा अन्य लोगों ने संबोधित किया, इस दौरान सुश्री संजना, श्री साकेत तथा श्री वरुण जी को दिव्यांगों के प्रति उनकी सेवा तथा समर्पण भावना के लिए ट्रस्ट की ओर से अंगवस्त्र तथा प्रतिक चिन्ह देकर सम्मनित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत वन्देमातरम तथा समापन राष्ट्रगान से हुआ.